आज के इस article में computer ka parichay के साथ साथ कंप्यूटर के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानेंगे जो आपकी सामान्य जानकारी को विकसित करेंगे और आपको ज्ञानवर्धक तरीके से कंप्यूटर के बारे से जानकारी भी होगी साथ में आप विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकेंगे क्योंकि इस आर्टिकल में सिर्फ कंप्यूटर ज्ञान ही नहीं बल्कि परीक्षा संबंधी विभिन्न तथ्यों को भी समावेश किया गया है। तथा इस आर्टिकल में आपको कंप्यूटर के इस युग का अनुभव भी होगा ।जो वर्तमान मैं सभी चीजों को प्रभावित करता है आईए जानते हैं computer ka parichay
Computer Ka Parichay in Hindi : कंप्यूटर क्या है ?
Computer Ka Parichay कंप्यूटर का पूरा नाम Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research है। कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के कम्प्युट ( Compute ) शब्द से हुई है जिसका अर्थ गणना करना होता है | आज का युग कंप्यूटर का युग है आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर का समावेश है।
वृहत पैमाने पर गणना करने वाले इलेक्ट्रॉनिक संयंत्र को संगणक अथवा कंप्यूटर कहते हैं अर्थात कंप्यूटर वह युक्ति है जिसके द्वारा स्वचालित रूप से विविध प्रकार के आंकड़ों को संसाधित एवं संचयित किया जाता है। वर्तमान स्वरूप का पहला कंप्यूटर मार्क -1 था जो 1937 ई. में बना था।
परिभाषा Definition
जाने Computer Ka Parichay ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार कंप्यूटर 140 इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो अनेक प्रकार की तर्क पूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो इनपुट के रूप में डाटा स्वीकार करता है और दिए गए निर्देशों के अनुरूप डाटा को प्रोसेस कर उसे सूचना में बदलता है , डाटा तथा सूचना को भविष्य में प्रयोग के लिए स्टोर करता है तथा प्रक्रिया किए गए परिणामों को आवश्यकता अनुसार आउटपुट के रूप में निर्गत करता है।
इस प्रकार कंप्यूटर के बुनियादी कार्य हैं
Computer Ke Karya
कंप्यूटर की प्रमुख या मुख्य तकनीकी कार्य चार प्रकार के होते हैं
- आंकड़ों का संकलन या निवेशन करना।
- आंकड़ों का संचयन करना।
- आंकड़ों का संसाधन करना
- आंकड़ों या प्राप्त जानकारी का निगमन करना या पुनर्निर्गमन करना।
कंप्यूटर के चार प्रमुख कार्य को जानें
- डेटा प्रोसेसिंग: – डेटा प्रोसेसिंग, जैसे गणना, भंडारण और विश्लेषण
- संचार: – अन्य उपकरणों या नेटवर्क के साथ डेटा का संचार करना।
- संगठन: – डेटा को व्यवस्थित और समझदार तरीके से प्रस्तुत करना।
- नियंत्रण: – सिस्टम और प्रक्रियाओं को नियंत्रित और संचालित करना।
यह आंकड़े लिखित रूप में या मुद्रित रूप में या श्रव्य रूप में या दृश्य रेखांकित या यांत्रिक गतिविधियों के रूप में हो सकते हैं।
Computer Ka Parichay : कंप्यूटर सिस्टम के मुख्य घटक
कंप्यूटर का प्रत्येक घटक या तो हार्डवेयर है या सॉफ्टवेयर किसी भी कंप्यूटर सिस्टम को मुख्ता तीन भागों में बांटा जा सकता है ।
- हार्डवेयर
- सॉफ्टवेयर
- और डाटा
hardware Kya Hai
कंप्यूटर और उससे जुड़ी सभी यंत्रों और उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है। हार्डवेयर कंप्यूटर का वह भौतिक हिस्सा है जिसे आप छू सकते हैं और देख सकते हैं। ये वो चीज़ें हैं जो मिलकर कंप्यूटर को चलाने में मदद करती हैं। इसके अंतर्गत केंद्रीय संसाधन एकक , आंतरिक स्मृति , बाह्य स्मृति, निवेश एवं निर्गम एकक आदि आते हैं। हार्डवेयर में कीबोर्ड , माउस , मॉनिटर , सीपीयू (CPU), प्रिंटर, हार्ड डिस्क ड्राइव मदरबोर्ड, प्रोसेसर , स्पीकर आदि आते हैं जिसे देखा और छुआ जा सकता है।
Software Kya hai
सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का एक अविभाज्य अंग है, जिसे हिंदी में तंत्रांश भी कहते हैं। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं:यह निर्देशों का एक समूह है जो कंप्यूटर को बताता है कि उसे क्या करना है (एक तरह से यह कंप्यूटर की भाषा है)।ये निर्देश प्रोग्राम के रूप में होते हैं, जो प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखे जाते हैं। सॉफ्टवेयर को आप छू नहीं सकते, यह एक तरह से वर्चुअल है। इस प्रकार हार्डवेयर यदि कंप्यूटर का शरीर है तो सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का दिमाग है। तथा दोनों एक दुसरे के पुरक हैं।
डाटा kya hai
सूचनाओं और कच्चे तथ्यों का अव्यवस्थित संचलन है जिससे कोई सार्थक निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता और इस डाटा को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है पहले संख्यात्मक डाटा और दूसरा चिन्हात्मक डाटा।
Computer Ka Parichay : कंप्यूटर की विशेषता
गति ( Speed )
कंप्यूटर की स्पीड की बात करें तो यह एक सेकंड में लाखों गणनाएं कर सकता है अर्थात या मनुष्य के कार्यों की तुलना में अधिक कार्य कर सकता है जैसे मनुष्य किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए साल भर का समय लेता है कंप्यूटर को वह कार्य कुछ ही सेकंड में पूरा कर लेता है
त्रुटि रहित कार्य (Accuracy)
कंप्यूटर का कार्य पूर्णतः त्रुटि रहित कार्य होता है कभी-कभी वायरस के कारण कंप्यूटर में त्रुटियां आ जाती है यह मानवीय कारण से भी आ जाती है लेकिन अगर डाटा और प्रोग्राम सही है तो कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम ही देता है।
स्वचालित ( Automatic )
कंप्यूटर एक स्वचालित मशीन है इसे एक बार आदेश दिये जाने के बाद हुआ बिना रुके कार्य कर सकता है।
स्थाई भंडारण जनता व विशाल भंडारण क्षमता ( Parmanent Storage and Large Storage Capacity)
कंप्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा सूचना निर्देशों के स्थाई भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है एवं कंप्यूटर के external तथा internal संग्रहण के माध्यमों ( हार्ड डिस्क , मैग्नेटिक टेप , सीडी राॅम , फ्लॉपी डिस्क ) से असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है ।
Computer Ka Parichay : कम्प्युटर का विकास व इतिहास
अबेकस ( Abacus )
यह प्राचीन गणना यंत्र है जिसका आविष्कार प्राचीन बेबीलॉन में अंकों की गणना के लिए किया गया था इस दुनिया का प्रथम गणक यंत्र कहा जाता है।
पास्कलाइन ( Pascaline )
1642 ई. में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने प्रथम यांत्रिक गणना मशीन बनाया यह केवल जोड़ हुआ घटाओ कर सकती थी इसलिए इसे हेडिंग मशीन भी कहा जाता है एवं पास्कलीन कहा जाता है।
एनालिटिकल इंजन( Analytical Engine )
ब्रिटिश के गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने दो कंप्यूटर Difference Engine 1822 ई. में और Analytical Engine 1842 ई. में बनाया एनालिटिकल इंजन को विश्व का पहला कंप्यूटर माना जाता है जिस कारण चार्ल्स बैबेज को आधुनिक कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है। लेडी एडा आगस्टा ने एनालिटिकल इंजन में पहला प्रोग्राम डाला अतः उस लेडी एडा आगस्टा को दुनिया का प्रथम प्रोग्रामर कहा जाता है।
सेंसस टेबुलेटर
1880 ई. में अमेरिका के वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ ने चाचार्ल्स बैबेज की परिकल्पना को साकार किया उन्होंने एक इलेक्ट्रॉनिक टेबुलेटिंग मशीन बनाई जो पंच कार्ड की मदद से सारा कार्य स्वचालित रूप से करती थी हर्मन होलेरिथ द्वारा पंच कार्ड के आविष्कार ने कंप्यूटर के विकास में बहुत योगदान दिया। यही पंच कार्ड आज भी कंप्यूटर में प्रयोग किया जाता है।
मार्क – I ( Marc – I )
1937 ई. में हावर्ड़ आइकेन के निर्देशन में विश्व के प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक गणना यंत्र का आविष्कार किया गया जिसे मार्क – I नाम दिया गया।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1939 से 45 में कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ । द्वितीय विश्व युद्ध के उपरांत आधुनिक कंप्यूटर के सभी प्रमुख सिद्धांतों का विकास हुआ।
Atanasoff – Berry Computer ( ABC )
1939 ई. में जॉन एटनासाॅफ और क्लिफोर्ड बेरी ने पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार किया इन्हीं के नाम पर इसे एबीसी का नाम दिया गया।
ANIAC-I (Electronic Numerical Integrator and Calculator)
1946 ई. में अमेरिकी वैज्ञानिक जे.पी. एकर्ट और जाॅन माॅश्ली ने सामान्य कार्यों के लिए प्रथम पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार किया जिसे एनिएक नाम दिया गया।
EDVAC – ( Electronic Discrete Variable)
कंप्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान जाॅन वान न्यूमैन का है 1951 ई. में उन्होंने एडवैक ( ADVAC ) का आविष्कार किया। इसमें उन्होंने संचयित प्रोग्राम का इस्तेमाल किया कंप्यूटर के कार्य के लिए द्विआधारी पद्धति (बाइनरी प्रणाली) के प्रयोग का श्रेय उन्हीं को जाता है।
यूनीवैक UNIVAC ( Universal Automatic Computer)
1954 ई. में GEC ( General electric Corporation ) ने प्रथम व्यापारिक कंप्यूटर यूनीवैक का निर्माण किया यह प्रथम कंप्यूटर था जिसका उपयोग व्यापारिक एवं अन्य सामान्य कार्यों के लिए किया गया ।
माइक्रो प्रोसेसर ( Micro Processor )
1970 ई. में इंटेल कंपनी द्वारा प्रथम माइक्रोप्रोसेसर इटल 4004 के निर्माण ने कंप्यूटर क्षेत्र में क्रांति ला दी से छोटे आकार के कंप्यूटर का निर्माण संभव हुआ जिन्हें माइक्रो कंप्यूटर कहा गया इंटेल , पेंटियम , सेलेरान तथा एएमडी वर्तमान में कुछ प्रमुख माइक्रोप्रोसेसर उत्पादक ब्रांड हैं।
एप्पल -II ( Apple -II )
Computer Ka Parichay 1977 ई. में प्रथम व्यवसायिक माइक्रो कंप्यूटर का निर्माण किया गया है जिसे एप्पल – II नाम प्रदान किया।
Computer Ka Parichay : Computer Ki Pidhiyan ( कंप्युटर की पीढ़ियां )
यहाँ computer की पीढीयों के बारे से टेबल के माध्यम से स्पष्ट किया है –
पीढियां व काल | मेमोरी | कम्प्यूटर के नाम | इलेक्ट्रॉनिक घटक |
प्रथम पीढ़ी (1940 – 1952) | पंच कार्ड पेपर टेप | EDSAC , UNIVAC, EDVAC | वैक्यूम ट्यूब |
द्वितीय पीढ़ी (1952 – 1964) | चुंबकीय मेमोरी मैग्नेटिक तपे मैग्नेटिक डिस्क | IBM-700, IBM-1401, IBM-1620, CDC-1604, CDC-3600, ATLAS, ICL-1901 | ट्रांजिस्टर |
तीसरी पीढ़ी (1964 – 1971) | चुंबकीय भंडारण क्षमता में वृद्धि | IBM-360, IBM-370, NCR-395, CDC-1700, ICL-2903 | इंटीग्रेटेड सर्किट ( IC ) |
चौथी पीढ़ी (1971 – 1989) | सेमीकंडक्टर मेमोरी | APPLE , DCM | वृृहद एकीकृत सर्किट (LSI) |
पांचवीं पीढ़ी (1990 से अब तक) अनुसंधान कार्य जारी | ऑप्टिकल डिस्क, वर्चुअल मेमोरी, विशाल भंडारण क्षमता | Artificial IBM NoteBook , Pentium PC | ऑप्टिकल फाइबर |
Computer Ka Parichay : विश्व में विकसित सुपर कम्प्यूटर
नाम | निर्माण करने वाले संस्थानके नाम |
CRAY KIS | CRAY K Research Co., USA |
Deep Blue | IBM Co., USA |
Blue Gene | IBM Co., USA |
COSMOS | Cambridge University, UK |
Computer Ka Parichay : भारत में विकसित सुपर कम्प्यूटर
नाम | निर्माण करने वाली संस्थान के नाम |
FLO SOLVER | NAL , Bangalore |
PACE | DRDO |
PARAM 1000 | C – DAC , Pune |
CHIPP-16 | C – Dot , Bangalore |
MULTI MICRO | IIS,Bangalore |
MACH | IIT, Mumbai |
ANUPAM | BARC Mumbai |
Computer Ka Parichay :Computer Ke Prakar ( प्रकार )
वैसे तो कंप्यूटर को वर्गीकृत करने के कई तरीके हैं लेकिन आमतौर पर उन्हें दो मुख्य तरीकों से विभाजित किया जाता है आकार और उनके कार्य प्रणाली के अनुसार –
आकार पर आधारित वर्गीकरण
आकर के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते हैं –
1. माइक्रो कंप्यूटर ( Micro Computer )
इसका विकास 1970 से प्रारंभ हुआ जब सीपीयू मैं माइक्रो प्रोसेसर का उपयोग किया जाने लगा। ये वस्तुतः एक ही व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले कंप्यूटर होते हैं जिसके कारण इस प्रकार के कंप्यूटरों को प्रायः व्यक्तिगत कंप्यूटर या पीसी के नाम से पुकारा जाता है। ऑफिस घर ऑन या व्यवसाय में इस प्रकार के कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है स्टोरेज क्षमता और आंकड़ों की बड़ी मात्रा का रखरखाव करने में अपनी समर्थ के कारण आज इसका व्यापक पैमाने पर उपयोग हो रहा है।
2. मेन फ्रेम कंप्यूटर( mainframe Computer )
इस प्रकार के कंप्यूटर बड़े कर के होते हैं और इनका डिजाइन स्टील के फ्रेम में लगाकर किया जाता है इस प्रकार के कंप्यूटरों पर समय सहभागिता तथा बहू कार्य क्षमता के द्वारा एक साथ अनेक व्यक्ति कभी-कभी 100 से अधिक व्यक्ति अलग-अलग टर्मिनल पर कार्य कर सकते हैं। मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग बड़ी कंपनियों बैंक, रेलवे , आरक्षण, रक्षा , अनुसंधान, अंतरिक्ष विज्ञान आदि के क्षेत्र में किया जाता है।
3. मिनी कंप्यूटर ( Mini Computer )
यह आकार में मेनफ्रेम कंप्यूटर से काफी छोटे जबकि माइक्रो कंप्यूटर से बड़े होते हैं इसका आविष्कार 1965 में (DEC – डिजिटल इक्विपमेंट कॉरपोरेशन) नामक कंपनी ने किया था यह माइक्रो कंप्यूटर से लगभग 5 से 50 गुना अधिक क्षमता वाला होता है।
4. सुपर कंप्यूटर ( Supper Computer )
सुपर कंप्यूटर बहुत अधिक शक्तिशाली होते हैं यह अत्यंत जटिल गणनाओं को भी बहुत ही अधिक शीघ्र गति से कर सकते हैं।
कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकरण
Computer Ka Parichay में तकनीक के आधार पर कंप्यूटर को तीन प्रकार में बांटा गया है ।
1. एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
यह बहुत कम इस्तेमाल होते हैं लेकिन पहले वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोग में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते थे एनालॉग कंप्यूटर की गति अत्यंत धीमी होती है। इस प्रकार के कंप्यूटर अब प्रचलन से बाहर हो गए हैं।
2. डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
इसे आज सबसे आम कंप्यूटर कहा जाता है । यह बाइनरी सिस्टम द्वारा सूचनाओं को 0 और 1 में रूपांतरित किया जाता है। इनकी गति तीव्र होती है। वर्तमान में प्रचलित अधिकांश कंप्यूटर इसी प्रकार के हैं। इसमें आंकड़ों को इलेक्ट्रॉनिक पल्स के रूप में निरूपित किया जाता है।
3. हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
हाइब्रिड कंप्यूटर एक दुर्लभ कंप्यूटर है जो डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर दोनों तकनीक का प्रयोग करते हैं या मिश्रण हैं। इसमें गणना और प्रोसेसिंग के लिए डिजिटल रूप का उपयोग किया जाता है। तथा इनपुट और आउटपुट में एनालॉग संकेत का उपयोग होता है।
Computer Ka Parichay Ka Conclusion
आप सभी को Computer Ka Parichay होना ही चाहिए क्योंकि आज पूरा विश्व कंप्यूटर का ही उपयोग करता है और बहुत सी संस्थानें कंप्यूटर से ही अपने दैनिक क्रियाएं करतें हैं । आज के इस आर्टिकल मे Computer Ka Parichay हिंदी मे 10 creative जानकारी के बताया गया और समस्त प्रतियोगिता परीक्षा उपयोगी भी उपलब्ध किया गया है ।
इस तरह की जानकारी एक स्टूडेंट और सभी को होना ही चाहिए स्वयं के ज्ञान में वृद्धि कर दोस्त रिश्ते नाते सभी को शेयर कर इस तरह की जानकारी वृद्धि करने में उनकी मदद अवश्य करें।🙏🙏🙏
FAQs
कंप्यूटर का परिचय क्या है?
Computer ka parichay कंप्यूटर वह युक्ति है जिसके द्वारा स्वचालित रूप से विविध प्रकार के आंकड़ों को संसाधित एवं संचयित किया जाता है। Computer ka parichay उसकी संगणक कार्यों का परिचय है।
कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है?
Computer Ka Parichay कंप्यूटर का पूरा नाम Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research है।
भारत में पहला कंप्यूटर नाम क्या है?
भारत के कोलकाता में भारत का प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर HEC – 2M स्थापित किया गया।
कंप्यूटर की जन्मदाता कौन है?
कंप्यूटर के जन्मदाता चार्ल्स बैबेज को कहा जाता है Computer Ka Parichay में आप जान सकते है विस्तृत से
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे तो कंप्यूटर के कई प्रकार होते हैं लेकिन अधिकांश मुख्य रूप से दो प्रकार से कंप्यूटर को विभाजित किया जाता है प्रथम आकर के आधार पर दूसरा कार्य पद्धति के आधार पर।
कंप्यूटर की पीढ़ियां कौन कौन सी है?
- कंप्यूटर को पांच पीढ़ियों में विभाजित किया जाता है
- प्रथम पीढ़ी – (1940 – 1952) = EDSAC , UNIVAC, EDVAC
- द्वितीय पीढ़ी – (1952 – 1964) = IBM-700, IBM-1401, IBM-1620, CDC-1604, CDC-3600, ATLAS, ICL-1901
- तीसरा पीढ़ी – (1964 – 1971) = IBM-360, IBM-370, NCR-395, CDC-1700, ICL-2903
- चौथा पीढ़ी – (1971 – 1989) = APPLE , DCM
- पांचवी पीढ़ी – (1990 से अब तक)अनुसंधान कार्य जारी = Artificial , IBM NoteBook , Pentium PC
कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी कब से कब तक थी?
कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी – (1940 – 1952) तक है जिसके उदाहरण कम्प्यूटर = EDSAC , UNIVAC, EDVAC हैं।
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