Sarpanch कैसे बनें | 1 Free जानकारी | Sarpanch Salary

Sarpanch को गाँव का प्रधान कहा जाता है जो एक बहुत ही गर्व वाली पद होती है क्यूकि इसे गाँव का मुख्या भी कहा जाता है | सरपंच के साथ उपसरपंच एवं पंच पद भी होती है जो समस्त सरकारी विकास कार्य को मिलकर संचालित करते हैं जिसका सभी देख रेख अथवा निगरानी का काम Sarpanch का होता है तो आईये आज के इस Article में जानेगे सरपंच बनने के लिए समस्त प्रक्रिया के बारे में साथ सरपंच की योग्यता , सैलरी , कार्य आदि |

Sarpanch

सरपंच क्या है : Sarpanch in English

सरपंच एक हिंदी शब्द है जो गाँव के स्थानीय स्तर पर गाँव वासी द्वारा चुना गया प्रमुख होता है जिसे भारतीय ग्रामीण प्रशासन में सर्दाभित किया गया है जो गाँव के प्रशासनिक कार्यों को संचालित करता है | आईये जानते है इसे अंग्रेजी में क्या कहेते है ?

Sarpanch in English

सरपंच को अंग्रेजी में Village Head या Village Chief कहते है | सरपंच को गांव का प्रधान कहते हैं जिस गांव के निवासियों के बीच से चुना जाता है ।

सरपंच बनने की योग्यता

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां हर किसी को कुछ बनने के लिए , पद ग्रहण करने के लिए कुछ योग्यताओं का होना आवश्यक होता है पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायत में पंचायती कार्य संचालन एवं सरपंच पद के लिए निम्नलिखित योग्यता होना आवश्यक है –

  1. सरपंच पद के लिए प्रतियोगी को गांव का स्थानिक नागरिक होना चाहिए ।
  2. सरपंच बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम दसवीं पास होना चाहिए कुछ राज्यों में शैक्षणिक योग्यता आवश्यक हो सकती है ।
  3. सरपंच बनने के लिए उम्मीदवार को भारतीय नागरिकता होनी चाहिए ।
  4. सरपंच बनने के लिए उम्मीदवार का उम्र में कोई लेख नहीं है किंतु उम्मीदवार को कम से कम बालिक होना अनिवार्य है ।
  5. उम्मीदवार पागल अथवा दिवालीया घोषित न हुआ हो ।
  6. उम्मीदवार के ऊपर किसी भी तरह की आपराधिक मामला दर्ज न किया गया हो ।
  7. उम्मीदवार स्वस्थ और अच्छा चरित्र का हो ।
  8. उम्मीदवार ईमानदार व गांव के विकास में रुचि रखता हो ।

सरपंच क्यों बनते हैं ?

चलिए जानते हैं सरपंच क्यों बनते हैं और सरपंच बनने के पीछे क्या-क्या कारण होते हैं ? देखिए दोस्तों यहां हम आपको सरपंच बनने के दो प्रमुख कारणों के बारे में बताएंंगे जो वास्तविकता के आधार पर है ।

1. गांव की विकास के लिए

स्थानीय स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में गांव का विकास एवं गांव के लोगों की विभिन्न तरह से सेवा करना भारत में सरपंच बनने का मुख्य उद्देश्य होता है । भारत में सरपंच गांव की एवं स्थानीय लोगों को निम्नलिखित सेवा प्रदान करता है । स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक नेतृत्व

स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक नेतृत्व

सरपंच को प्रशासनिक नेतृत्व का दायित्व होता है इसीलिए वह विभिन्न प्रशासनिक कार्यों का संचालन करता है और उसे पूरा करता है सभी प्रशासनिक कार्य Sarpanch की देखरेख में संपन्न होता है।

सामाजिक सेवा

Sarpanch का प्रमुख कार्य स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करना होता है साथ सभी के विकास के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं बनाना होता है

स्थानीय विकास की योजना बनाना

सरपंच का कार्य स्थानीय लोगों की विकास के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं बनाना होता है और सभी समस्याओं को ठीक करना होता है तथा सरकारी कार्यों का समर्थन भी करता है।

सामाजिक न्याय और सुरक्षा

Sarpanch को अपने क्षेत्र में सामाजिक न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित अथवा व्यवस्थित करने के लिए कार्यकर्ता है तथा अपने क्षेत्र में शांति माहौल बनाए रखना है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा

Sarpanch को अपने क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा योजनाओं का संचालन करना होता है। जिससे लोगों को उच्च स्तर की सुविधा उपलब्ध हो सके और ग्रामीण स्तर का अद्भुत विकास हो सके ।

2. मोटी कमाई के लिए

मेरे कहने का अर्थ आप सभी भलीभांति समझ गए होंगे और यदि नहीं समझे होंगे तो भी आप इस लेख को पढ़कर अच्छे से समझ जाएंगे कि आखिर लोग सरपंच बनने के लिए इतना उत्सुक और आतुर क्यों रहते हैं आपको यह जानकर बहुत ही आश्चर्य होगा कि बहुत कम लोग होते हैं जो अपने गांव के विकास के बारे में सोचते हैं और सही-सही विकास करते हैं बाकी सब मोटी कमाई के लिए ही Sarpanch का पद प्राप्त करना चाहते हैं आप खुद ही एकबार सोचिये सरपंच की सैलरी महज Rs. 5000 / से ज्यादा नही होती l लेकिन फिर भी वोह सरपंच बनने के लिए हजारों रुपये लुटा देती है आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं ?

चलिए हम आपको बताते हैं वह क्या कारण है ?

  1. अनुसूचिती भत्ता : सरपंच की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए यह योजना भी मदद करती है इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लिए अनुसूचिती भत्ता दिया जाता है ।
  2. स्थानीय पंचायत में बजट सहयोग : सरकार हर पंचायत को पंचायत बजट अनुदान प्रदान करती है जिस पंचायत के कार्यों में उचित प्रबंध किया जाता है से कार्य करके पैसे पैसे कमा लेते हैं
  3. स्थानीय व्यापार एवं बाजार : गांव में स्थानीय व्यापार शुरू कर उसमें टैक्स वसूली प्रावधान बनाकर कमाई कर सकती है या बाजार स्थापित कर आवश्यक टैक्स वसूली प्रावधान करके कमाई कर सकती है
  4. परियोजना का संचालन : सरपंच अपनी पंचायत के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट और कार्यक्रम को क्रियान्वित कर सकती है जिससे उसे आर्थिक मदद मिल सकती है या आर्थिक लाभ प्राप्त करते हैं
  5. सरकारी कार्यों का समर्थन : सरपंच समस्त सरकारी कार्यों का समर्थन करके योजनाओं को क्रियान्वित करती है सात पंचायत के विकास के लिए काम करती है जिससे उसे आर्थिक सहयोग मिल सकती है
  6. स्थानीय प्रशासन से मिलने वाली वेतन : सरपंच को स्थानीय पंचायत द्वारा वेतन और भत्ते मिलते हैं जो उनके कार्यों के लिए होते हैं इसमें स्थानीय पंचायत द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मिलने वाली वेतन अन्य भत्ते शामिल हो सकते हैं ।

सरपंच चुनाव की प्रक्रिया

आईए आप सभी को बताते हैं Sarpanch चुनाव की प्रक्रिया किस तरह से पुरी होती है । आपको बता दें सरपंच चुनाव की प्रक्रिया पंचायती राज अधिनियम के तहत की जाती है तथा यह Sarpanch Chunav पंचवर्षीय चुनाव होती है पंचवर्षीय अर्थात हर 5 साल बाद यह चुनाव आयोजन होता है जिसमें पंच भी शामिल होते हैं क्योंकि पंच और सरपंच दोनों की सलाह और सहभागिता से ही पंचायत का कार्य संचालन होता है।

ग्राम पंचायत के स्थानीय स्तर पर ही सरपंच चुनाव होते हैं जिसमें ग्रामीण जनता को अपने प्रत्याशित उम्मीदवारों को चुनने का अधिकार होती है तथा यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित किया जाता है जो निम्नलिखित प्रक्रिया द्वारा सरपंच चुनाव किए जाते हैं –

  • सर्वप्रथम प्रत्याशी का पंजीकरण Sarpanch चुनाव के लिए उम्मीदवार को मिला टिकट के अनुसार पंजीकरण करवाना होता है जो उम्मीदवारों को निर्दिष्ट समय अवधि के दौरान अपने नाम पंजीकृत करना होता है
  • मतदान केंद्रों की तैयारी फिर मतदान केंद्रों की तैयारी की जाती है जहां लोग अपने मतदान कर सकते हैं यह सब चुनाव के दिन की प्रक्रिया होती है |
  • और फिर मतदान किया जाता है जिसमें ग्रामवासी अपने पसंद के उम्मीदवार को अपना मतदान देते हैं |
  • नतीजे की घोषणा और उसके बाद उसके नतीजे की घोषणा मतगणना के अनुसार किया जाता है जिसमें जिस किसी भी उम्मीदवार को अधिक वोट मिले होते हैं उसको Sarpanch के रूप में चयनित कर लिया जाता है |
  • मतगणना और परिणामों की पुष्टि यह पूरी प्रक्रिया मतगणना और परिणामों की पुष्टि के पश्चात ही की जाती है। यह सारी प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर की जाती है और लोगों को अपने स्थानीय प्रशासन को चुनने का अधिकार प्रदान करती है ।

पंचायत की आवश्यक जानकारियां

ग्राम सभा के सभी सदस्य मिलकर ग्राम पंचायत के सदस्यों का चुनाव करते हैं और फिर ग्राम पंचायत का कामकाज के लिए आवश्यक प्रबंध की जाती है ।

ग्राम सभा और ग्राम पंचायत

ग्रामसभा

  1. ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के सभी वयस्कों की बैठक सभा को ग्राम सभा कहा जाता है
  2. वह कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष से अधिक आयु का है और मतदान करने के लिए योग्य है ग्राम सभा का सदस्य हो सकता है
  3. पंचायत के अध्यक्ष को सरपंच कहा जाता है ।
  4. और पंचायत के सदस्यों को पंच कहा जाता है।
  5. तथा ग्राम सभा की बैठक पंचायत के अध्यक्ष और पंचायत के सदस्यों द्वारा आयोजित की जाती है।
  6. जिसमें ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत का सचिव एक ही होता है |
  7. यह सचिव ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की कार्यवाही का रिकॉर्ड रखती है।
  8. आपको बता दें सचिव की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है।
  9. तथा ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने की जिम्मेदारी सचिव की होती है |

ग्राम पंचायत

  1. आपको बता दें ग्राम पंचायत के चुनाव पंचवर्षीय होते हैं।
  2. अर्थात चुनाव 5 वर्ष की अवधि के लिए होते हैं।
  3. ग्राम का अर्थ गांव होता है।
  4. तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत को छोटे-छोटे क्षेत्र में विभाजित करके उन्हें वार्डों में विविभक्त किया जाता है।
  5. प्रत्येक वार्ड से प्रतिनिधि चुना जाता है और इस प्रतिनिधि को पंच या वार्ड सदस्य के रूप में जाना जाता है।
  6. इन्हीं पंचायत अध्यक्ष या सरपंच और वार्ड सदस्य या पांच सदस्यों द्वारा ग्राम पंचायत बनाते हैं।

पंचायत की सामुहिक जिम्मेदारी

  • ग्राम पंचायत पर स्थानीय कर लगाने और एकत्रित करने की जिम्मेदारी होती है।
  • साथ सरकारी योजनाओं को लागू करने की भी जिम्मेदारी होती है।
  • गांव में एक रोजगार की व्यवस्था की भी जिम्मेदारी होती है।
  • तथा ग्राम पंचायत पर स्कूल भवनों , सड़कों , जल निकासी , जल संसाधनों और अन्य संपत्ति के रख रखाव देखरेख और निर्माण की जिम्मेदारी होती है।

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Conclusion

ग्रामीण क्षेत्र में Sarpanch वाकई में एक प्रधान होता है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सरपंच की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है इसीलिए ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच पद को सर्वश्रेष्ठ पद कहा जाता है और आपने अभी-अभी जाना भी कि इसे ग्राम पंचायत का अध्यक्ष भी कहा जाता है । आशा करते हैं अब आप भी जान गए होंगे की Sarpanch कैसे बनते हैं ? और सरपंच से जुड़ी , ग्राम पंचायत से जुड़ी आवश्यक जानकारी के बारे में साथ पंचायत की उत्तरदायित्व के बारे से यदि फिर भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें।

FAQs

सरपंच कौन है और उसे कैसे चुना जाता है?

पंचायत के प्रमुखऔर गांव के प्रधान को सरपंच कहा जाता है जिसका चुनाव स्थानीय स्तर के ग्राम वासियों द्वारा किया जाता है सरपंच को ग्राम पंचायत का अध्यक्ष भी कहते हैं।

सरपंच की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि Sarpanch की सैलरी प्रति माह 3500 से 4500 तक ही मिलती है।

सरपंच की पावर क्या होती है?

पंचायती राज अधिनियम के तहत सरपंच की पावर अर्थात Sarpanch की शक्ति अपने स्थानीय क्षेत्र में बहुत होती है सरपंच के पास न्यायिक शक्ति होती है जिससे वह गांव मैं विवादों को सुलझा सकता है तथा गांव के नियमों का उल्लंघन करने पर ग्रामीणों पर जुर्माना भी लगाने का पावर होता है । सरपंच के पास प्रशासनिक शक्ति भी होती है जिससे वह ग्राम पंचायत और ग्रामीणों को आदेश और निर्देश जारी कर सकता है।

उपसरपंच का चुनाव कैसे होता है?

सरपंच का चुनावप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है लेकिन उप सरपंच का चुनाव ग्राम पंचायत के वार्डों के सदस्यों द्वारा किया जाता है।

Sarpanch कैसे बनें?

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